गठिया ( arthritis ) का ईलाज किन - किन प्रक्रियाओ द्वारा किया जा सकता है ?

Rheumatoid arthritis

गठिया यानी की आर्थराइटिस यह बहुत ही दर्द भरा अनुभव है यह दर्द इतनी भयंकर होती है यह सिर्फ एक गठिया का मरीज ही समझ सकता है तो दोस्तों इसलिए हम आपको आज हमारे इस पोस्ट में गठिया से होने वाले दर्द और उसके प्रभाव को कम करने के कुछ एलोपैथिक मेडिसिंस के बारे में जानेंगे ।

ईलाज -

गठिया रोग में मुख्य रूप से गठिया के दर्द व्यक्ति को ज्यादा परेशान करता है तो ऐसे में इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए नॉरमल पेन किलर ( Analgesic medicine ) का सहारा ले सकते हैं जैसे - Diclofenac 50mg ( 1 एक टेबलेट सुबह - शाम, खाना खाने के बाद ) 

( यह पेन किलर 10 से 15 दिनों तक भी चलाया जा सकता है और कभी - कभी जरूरत पड़ने पर महीने - महीने तक भी खिला सकते हैं, यह पूरी तरह रोग से होने वाले दर्द पर निर्भर करता है )

उसके बाद आप चाहे तो Diclofenac 1% का gel का भी उपयोग कर सकते हैं, यह आपको सीधे गठिया वाली जगह पर लगाना होता है इससे भी आपको दर्द से काफी राहत मिलेगी ।

दूसरी टेबलेट आपको गैस या एसिडिटी से संबंधित समस्या के लिए चलानी पड़ सकती है वह इसलिए क्योंकि होता यूं है कि जब तक लगातार दर्द के निवारण के लिए पैंकिलर्स का उपयोग करते हैं तो इससे पेट में अनावश्यक गैस बनने लगती है इससे सीने में जलन, पेट में जलन, गले में जलन इत्यादि जैसे अन्य और समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं, 

अगर ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो जाए तो इसके लिए आप Rabeprazole 20mg या Pantaprazole या Omeprazole जैसे PPI( proton pump inhibiters ) जैसे टेबलेट्स का उपयोग कर सकते हैं, यह टेबलेट आपको हमेशा खाली पेट लेनी चाहिए । इन टेबलेट में अगर आपको Domperidon कंबीनेशन भी मिल जाए तो यह और भी अच्छा हो जाता है ।

" अगर किसी व्यक्ति में पैंकिलर्स का कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ रहा है तो उससे Diclofenac sodium के इंजेक्शन भी दिया जा सकता है । " 
इन दवाओं के साथ आपको गठिया में स्ट्राइड्स भी चलाना पड़ता है जैसे - Prednisolone 5mg, यह स्ट्राइड दर्द और सूजन को कम करती है । इसे आप सुबह - शाम 7 दिनों तक ले सकते हैं । इसके अलावा आप चाहे तो अलग से calcium & vitamin D3 के टेबलेट भी ले सकते हैं इसमें कोई दिक्कत नहीं है ।

अगर किसी व्यक्ति को रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या है तो उसके लिए सबसे बेस्ट पेन किलर टेबलेट Ibuprofen 400mg है, इसे 1 टेबलेट सुबह - शाम ले सकते हैं, Ibuprofen इसलिए भी अच्छी मानी जाती है क्योंकि इसका इस्तेमाल प्रेगनेंसी के दौरान भी किया जा सकता है लेकिन वही बाकी पेन किलर आप प्रेगनेंसी के दौरान उपयोग नहीं कर सकते ।

इसके बाद बारी आती है Tramadol hydrochloride टेबलेट्स की, इस टेबलेट का इस्तेमाल मुख्य रूप से तभी किया जाता है जब दर्द सहन से बाहर हो गई हो तथा कोई भी नॉरमल पेन किलर काम नहीं आ रहा हो तभी इसका उपयोग किया जाता है ।

इसके बाद स्ट्रायडल इंजेक्शंस आता है, इन इंजेक्शन का उपयोग वही करते हैं जहां दर्द हो रहा हो यानी कि जहां अर्थराइटिस शुरू हो गई हो वही इन इंजेक्शन को लगाया जाता है, इन्ही इंजेक्शनों में एक इंजेक्शन है methyprednisone यह भी एक स्टेरॉयड इंजेक्शन है जिसका उपयोग ऐसे ही केसेस में किया जाता है । 

यहां ध्यान देने वाली यह बात है कि इन इंजेक्शनो का उपयोग केवल एक बार ही किया जाता है ।

इन सबके अलावा एक प्रकार का और ट्रीटमेंट है जिसे हम Platelet Rich Plasma थेरेपी कहते हैं, इसमें डॉक्टर प्लाज्मा इंजेक्शन को अर्थराइटिस वाली जगह पर इंजेक्ट करते हैं, इन प्लाज्मा इंजेक्शन के अंदर प्लेटलेट्स होते हैं जो जॉइंट्स के इफेक्टेड पार्ट्स को हिल करने में मदद करती हैं, यह थेरेपी लंबे समय तक चलाई जा सकती है जब तक कि कुछ बेहतर परिणाम देखने को ना मिल जाए,

इसके के बाद आता है ऑपरेशन या सर्जरी की, यह अर्थराइटिस के इलाज में सबसे अंतिम प्रक्रिया है इस प्रोसेस में ज्वाइंट्स के इफ्फेक्टेड पार्ट्स को बदल दिया जाता है तथा उसके जगह पर नई आर्टिफिशियल पार्ट्स लगा दिए जाते हैं, डॉक्टर मुख्य रूप से सर्जरी कराने की सलाह तभी देते हैं जब अन्य कोई विकल्प नहीं बचता है,

तो दोस्तों यह थे अर्थराइटिस के इलाज के बारे में पूरी जानकारी । दोस्तों, आप यह मान के चलिए की इसके अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है फिलहाल अभी मार्केट में, तो दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं मिलते हैं अगले पोस्ट में एक नई जानकारी के साथ तब तक के लिए धन्यवाद ।

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